कोई नहीं रोकता राह हमारास्वयं ही बाधा बनते हैं हम अपने सफर के।
सांसों
तुम एक बार अपना बना कर तो देखो
अपनी सांसों की मलकियत सौंप दूं।

हिमाकत
उन्हें देखकर अनायास ही मुस्कुरा दिया
मेरी इस हिमाकत को उन्होंने गुनाह बना दिया
सजा वो दे रहे इस कदर, नज़रें मिलाते नहीं
और बदल ली अपनी डगर।
ख्वाब बेगाने
जीने की क्या मज़बूरी है,दिल का धड़कना
क्या इतना जरूरी है
जो तू नहीं साथ में, ख़्वाब भी बेगाने हैं
और हर खुशी अधूरी है।
वक्त
हर वक्त करते रहे वक्त आने का इंतज़ार वक्त के इसी इंतजार में जिंदगी ने पकड़ ली रफ्तार
शामियाना
वो जो कह कर गए,लौट कर आयेंगे हमने भी पलकों का आशियाना बना दिया।
तबस्सुम
कहीं टूट न जाए चांद का हुस्न ऐ गुरुर, उसने तबस्सुम से ही किनारा कर लिया।
चक्रव्यूह
जीवन के चक्रव्यूह में, मानव फंसता जाता है। कभी नम्रता का कवच लिए तो कभी क्रोध का बाण चलाता है। कभी अहम का धार चले, कभी अश्रु सैलाब लाया है। प्राण मुक्त होकर ही वो भंवर से निकल पता है।