कौन हूं मैं?

हूं कौन मैं इसी तलाश में कट रहा सांसों का सफ़र, कभी सोचूं किसी का कर्ज़ हूं मैं तो कभी किसी का उधार मैं। रिश्तों की इस लेन देन में कभी आंखों का पानी तो कभी लब की मुस्कान हूं मैं। कभी मोह भंग हुआ तो पतझड़ कभी वासंतिक फुहार हूं मैं। खुद की तलाशContinue reading “कौन हूं मैं?”

Design a site like this with WordPress.com
Get started