हिमाकत

उन्हें देखकर अनायास ही मुस्कुरा दियामेरी इस हिमाकत को उन्होंने गुनाह बना दियासजा वो दे रहे इस कदर, नज़रें मिलाते नहींऔर बदल ली अपनी डगर।

Design a site like this with WordPress.com
Get started